आदर्श पौधशाला की स्थापना एवं समुचित प्रबंधन
वर्तमान परिदृश्य में भारत विश्व मानचित्र पर एक अग्रणी फल उत्पादक देश के रूप में उभर रहा है और विश्व में फल उत्पादक देशों में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। केला, आम, चीकू, पपीता, आँवला और अनार आदि प्रमुख फसलों के उत्पादन में भारत पहले नंबर पर है। वर्तमान में भारत में लगभग 6.93 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती की जा रही है, जिसमे लगभग 102.4 मिलियन टन उत्पादन होता है और विश्व के कुल उत्पादन में 12 प्रतिशत का योगदान है। जहाँ तक रोजगार परक संभावनाओं का सवाल है, प्रति हेक्टर फल उत्पादन से 860 मानव दिवस प्रतिवर्ष अर्जित होते है, जो कृषि फसलों (146 मानव दिवस) के मुकाबले बहुत अधिक है। परंतु यह भी एक कटु सत्य है की केला और चीकू के अलावा अन्य सभी फसलों की उत्पादकता विश्व के अन्य फल उत्पादक देशो से बहुत ही कम है। भारत मे विशेषकर शुष्क क्षेत्रों में कम उत्पादकता के अन्य विभिन्न कारणों में अच्छी गुणवत्ता के पौधों का अभाव एक प्रमुख कारण है। 2021-22 में सिर्फ फलवृक्ष फसलों के लिए 2.33 बिलियन पौधों की आवश्यकता आँकी गयी है। परंतु वर्तमान मे आधे से भी कम की पूर्ति संभावित है। अतः सफल फल उत्पादन तथा अधिक उत्पादकता के लिए आदर्श पौधशाला की स्थापना तथा उसका उचित प्रबन्धन की नितांत आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रिय बागवानी मिशन में बागवानी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए आदर्श पौधशाला से लेकर बगीचा लगाने, पुराने बागीचों का जीर्णोद्धार करने तथा फल व सब्जियों का मूल्य संर्वधन बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रलोभन देकर बागवानी से संबन्धित कार्य किए जा रहे है।
विश्व वस्तु की उपयोगिता तथा इसमें हिन्दी में पुस्तकों एवं लेखों के अभाव को देखते हुए “आदर्श पौधशाला की स्थापना एवं समुचित प्रबंधन” शीर्षक से लिखी गयी है। बुलेटिन, बागवान भाइयों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। इस किताब मे पौधशाला के लिए जगह के चुनाव से लेकर भूमि, बीज, गमले के पौधों का प्रबन्धन, आदर्श पौधशाला के घटक, मातृ पौधों का योगदान, ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस, शुष्क फल वृक्षों के लगाने की दूरी, बीज व वानस्पतिक विधि द्वारा पौधों को तैयार करने की तकनीक, शुष्क क्षेत्रों के प्रमुख फल वृक्षों को प्रवर्धन करने की विभिन्न विधियाँ व सब्जियों की पौधशाला तैयार करते समय ध्यान रखने योग्य सावधानियों का वर्णन किया गया है। इस प्रकार बागवान भाई, सब्जियों व फलदार वृक्षों की पौधशाला लगाकर अपने फार्म के लिए तथा दूसरों को बेचने के लिए भी उन्नत किस्मों के पौधों को पैदा करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं तथा फल व सब्जियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है तथा राष्ट्र निर्माण में महान योगदान दे सकते हैं।